नादानियां: नेटफ्लिक्स की 'खुशी' धर्मा की फिल्मोग्राफी पर भारी

 नादानियां: नेटफ्लिक्स की 'खुशी' धर्मा की फिल्मोग्राफी पर भारी

 


रेटिंग: ⭐ (1/5)

रिलीज तारीख: 7 मार्च 2025 (नेटफ्लिक्स)
 

कलाकार: इब्राहिम अली खान, खुशी कपूर, महिमा चौधरी, सुनील शेट्टी, दीया मिर्जा धर्मा प्रोडक्शन्स का नाम सुनते ही दर्शकों को ग्लैमर, भव्य सेट्स और दिल छू लेने वाली कहानियों की उम्मीद होती है। लेकिन "नादानियां" इस उम्मीद को तोड़ते हुए एक ऐसी फिल्म बनकर आई है, जो न सिर्फ लेखन-निर्देशन में फिसड्डी है, बल्कि नए सितारों की कमज़ोर अदाकारी का भी बेजान नमूना पेश करती है।

पैसे की बर्बादी !

अदार पूनावाला के निवेश के बाद धर्मा की पहली फिल्म "नादानियां" यह साबित करती है कि पैसा किसी भी कहानी को नहीं बचा सकता। इब्राहिम अली खान के डेब्यू और खुशी कपूर के करियर को लेकर जितनी उम्मीदें थीं, फिल्म उन्हें धूल चटाती है। किरदारों की बनावट से लेकर क्लाइमैक्स तक, हर फ्रेम में सस्ती रोमांस और अविश्वसनीय डायलॉग्स हावी हैं।

 

टूटे फ़्रिज का रीमेक !

"नादानियां" की कहानी उस पुराने फ्रिज की तरह है जिसे बार-बार रिपेयर करके चलाने की कोशिश की जाए। एक अमीर लड़की (खुशी) जो पैसे से 'प्रेम' खरीदती है और एक किराए का बॉयफ्रेंड (इब्राहिम) जो 'सिक्स-पैक' दिखाकर दिल जीतने का दावा करता है। यहाँ न कोई नई ट्विस्ट, न इमोशन, बस पुराने क्लिचेज़ का ढेर। लेखक इशिता मोइत्रा ने "रॉकी और रानी..." का जो मैजिक दिखाया था, वह यहाँ गायब है। स्क्रिप्ट इतनी पतली कि दर्शकों को पहले ही आधे घंटे में प्लॉट का अंत समझ आ जाता है।


निष्कर्ष: 'नादानियां' देखने की नादानी न करें!

अगर आपको लगता है कि "लवयात्रा" या "हीरोपंती" जैसी फिल्मों से बुरा कुछ नहीं हो सकता, तो "नादानियां" आपकी गलतफहमी तोड़ देगी। यह फिल्म नेपोटिज़म के नाम पर दर्शकों को थोपी गई एक और औसत दर्जे की कोशिश है। नेटफ्लिक्स के पांच सौ रुपए बचाने हैं, तो इससे दूर ही रहें!

 

 

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